Social worker mother Simarjit Kaur's death: एक महान् निरंकारी सेवादार व समाजसेवी माता सिमरजीत कौर प्रभु चरणों में लीन
Social worker mother Simarjit Kaur's death: एक महान् निरंकारी सेवादार व समाजसेवी माता सिमरजीत कौर प्
Social worker mother Simarjit Kaur's death: माता सिमरजीत कौर का जन्म जिला कपुरथला के गांव रमिदी(Village Ramidi) में श्री मेला सिंह और श्रीमति संत कौर के घर 6 जून 1952 के दिन हुआ। माता सिमरजीत कौर के भाई रुलदा सिंह के बेटे कश्मीर सिंह(Kashmeer Singh) ने बताया कि उनके पिता जी बताते थे की उनकी बुआ सिमरजीत(Simranjeet) बचपन ही करुणा भाव की थी वो किसी का दुख नहीं देख सकती थी। भूखों का खाना खिलाना, पशुओं की सेवा करना , उन्हें विरासत में मिली थी ।
27 मई 1969 को माता सिमरजीत कौर का विवाह स्वर्ग वासी सरदार फकीर सिंह के सुपुत्र सरदार स्वर्ण सिंह के हुआ। उस समय स्वर्ण सिंह जी देश सेवा करने भारतीय सेना में तैनात थे। माता जी अपने परिवार की देखभाल करती रही।
बच्चों को उच्च शिक्षा और संस्कार दिए। सभी बच्चे समाज में प्रतिष्ठित पदों पर आसीन हैं।
माता जी 1970 से ही निरंकारी मिशन चंडीगढ़ के साथ जुड़ कर लोगों की सेवा करती रही। कुछ ही दिनों के बाद उनकी लगन देखकर निरंकारी मिशन ने उन्हें मनीमाजरा जोन का लेडी सेवादार की इंचार्ज की सेवा सौप दी। लगभग 10 साल सेवादल में बतौर इंचार्ज के रूप में सेवा की। और 1992 से निरंकारी मिशन द्वारा उन्हें मिशन प्रचारक बना दिया। समाजसेवी के रूप में उन्होंने मनीमाजरा की इंदिरा कालोनी में कुछ बच्चियों की शादी अपने पैसे से करवाई। कुछ बच्चों का पढ़ाई का खर्चा भी वो उठाती थी। अपने जीवन में उन्हीने मनीमाजरा एरिया में होने वाले धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेते थे। अस्वस्थ होने के बाद भी वो रोज़ सुबह निरंकारी सत्संग भवन जाना नहीं छोड़ती थी। 2 अगस्त को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई।
20 अगस्त 2022 के दिन परम पिता परमात्मा ने उन्हें अपने पास बुला लिया।
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सिमरजीत कौर अपने पीछे खुशहाल परिवार छोड़कर गए हैं। जिसमें उनके दो पुत्र गोविंद परवाना, करमजीत परवाना, पुत्री कुलविंदर कौर , दामाद मंजीत सिंह गिल, सुखविंदर कौर , दामाद मोहित मल्होत्रा व
पुत्रवधू देवेन्द्र कौर, सीमा गुलाटी और पोती
नवरुप, पोता अखिल, दोता हर्षदीप सिंह हनी दोत पुत्रवधु खुशी आनंद , दोती सुनैंना व नेमत हैं।